विजेता
सीईओ की भूमिका
पर श्री जेम्स बी हेबेर्न के साथ साक्षात्कार
सीएनबीसी: सबसे पहले, हम समझते हैं कि एक सीईओ सोपानक के शीर्ष स्थान पर स्थित है.ऎसे स्थान पर सीईओ तथा प्रमुख कार्यकारी अधिकारी के तौर पर उनकी क्या महत्वपूर्ण भूमिका या दायित्व है?
हेबेर्न: किसी भी संगठन में एक सीईओ की प्राथमिक जिम्मेदारी है धन बनाने की! इस संगठन में व्याप्त शेयरधारकों के लिये तथा जिस देश के दायरे मे ये कंपनी है उस देश मे व्यापक आर्थिक और सामाजिक विकास में, अंतीमतः अपने देश के विकास में योगदान करने के लिए धन बनाने की जिम्मेदारी सीईऒ पर है. अधिक संक्षेप, एक सीईओ की जिम्मेदारी कम्पनी के लिये एक रणनीति बनाने और यह सुनिश्चित करने कि है की संगठन के सभी यह समझते हैं और उसपर अमल करते है.
सीएनबीसी :इस वर्तमान आर्थिक परिवेश के तहत एक और विश्व अर्थव्यवस्था के अंतर्गत,क्या हम सीईओ परिवर्तन की भूमिका देख रहे हैं?
हेबेर्न: मुझे लगता है कि धन कमाने या जुटाने की प्रमुख भूमिका न अबतक बदली है और नाही भविष्य में बदलेगी, लेकिन अगर कही बदलाव होगा तो वह संगठन या उसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी किस तरह, किस रुप में संप्पती कमाते है आज विश्व अर्थव्यवस्था में तुम कई बदलाव देख सकते हो- उदाहरण के लिए, आकार घटाने, सूचना प्रौद्योगिकी मे हुई बढोतरी – इन बदलाओ के परिणामस्वरुप सभी संगठनों में प्रबंधन के विभिन्न परतोंको हटाया गया है. और जब प्रबंधन की मुख्य रूप की उन परतों,को हटा रहे हैं, तब मध्यम प्रबंधन, याने मुख्य कार्यकारी अधिकारी की भूमिका सर्वोपरि हो जाती है क्योकि असे अब एक ऎसी रणनीति बनानी है जो कि आसानी से समझी तथा अमल की जा सके..आज इक्कीसवी सदी में विचरक तथा कर्ताऒ के बीच कोई अंतर नही है.इसिलिये आज सीईओ केवल कर्मचारियों को पिछे से मार्गदर्शन नही करता बल्की, उनके बीच रहकर उनका"नेतृत्व" करता है.
सीएनबीसी : चलो माना की एक सीईओ की मुख्य भूमिका एक रणनीति का गठन है. फिर उदाहरण के लिए एक सीईओ को अपने आप को रोज क्या पूछना चाहिए?
हेबेर्न: मुझे लगता है की सीईओ की जिम्मेदारी को पूरा करने में, वहाँ ऎसे कई सवाल है कि जिनसे दूर नही जा सकते. और इसकी शुरुवात के लिये पहला सवाल है "हमारा भविष्य कैसा होगा?" उदाहरण के लिए, जनसांख्यिकी, या उपभोक्ता प्राथमिकताएँ क्या होगी? शार्प जैसी कंपनियों की क्षमता!जिसने, फ्लैट स्क्रीन प्रौद्योगिकी के उभरने की गतिविधी को समझकर इस तकनीक से सफ़लता हासिल की. ्यह एक अच्छा उदाहरण है कि कैसे एक सीईओ भविष्य समझकर दूरद्रुष्टी से भविष्य के लिए उत्पाद बना सकते हैं.
सीएनबीसी :इस प्रकार की दूरदर्शिता होना यह आसान बात नही है, है ना?
हेबेर्न: नहीं, यह बहुत मुश्किल है. मुख्य कार्यकारी अधिकारियों में से ज्यादातर न केवल तथ्यात्मक जानकारी का उपयोग करने मे बल्की, अंतर्ज्ञान का उपयोग करने की क्षमता में भी असफ़ल रहते है, और डाटा या जानकारी के अभाव में साहस के साथ के अभाव में एक और आगे बढ़ने का निर्णय लेने मे सक्षम नही होते.
सीएनबीसी : एक सीईओ को अपने आप से अन्य क्या प्रश्न पूछना चाहिए?
हेबेर्न: एक बार जब आप के पास भविष्य का चित्र स्पष्ट हो, तब आपको उस चित्र मे अपनी कम्पनी को आगे बढाने के लिये अवश्यक बदलाव लाना जरुरी होत है.. और यह परिवर्तन सभी प्रकार में जैसे ,विभिन्न संगठनात्मक ढांचे से लेकर, लोगों की की जरूरतके अनुसार विभिन्न प्रणालियों ,बदलाव तक हो सकता है. इस प्रकार से "परिवर्तन प्रबंधन" एक सीईओ की दुसरी जिम्मेदारी बन जाती है. तिसरी जिम्मेदारी पतिस्पर्धामे आपकी स्थिति समझना यह होगी. .और यहा सीईओ को अपनी कंपनी के प्रतियोगी से स्पर्धा मे लाभ कहा है.इसकी जानकारी होना जरुरी है. यह वितरण प्रणाली या बेचने के तरीके या प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हो सकता है. लेकिन प्रतिस्पर्धात्मक लाभ की यह समझ एक सफल रणनीति बनाने के लिए महत्वपूर्ण है.
सीएनबीसी : कंपनी की प्रतिष्ठा के बारे में क्या? क्या यह भी महत्वपूर्ण है?
हेबेर्न:आज हम प्रसार युग मे जिते है इस वक्त, कम्पनी की प्रतिष्ठा एक महत्वपूर्ण तत्व की रणनीति जानी जाती है. ". हम आज एशियाक की कई ऎसी कंपनीया, जैसे कोका कोला या वी टेक और एसर देख सकते हैं जिन्होने बाजार में एक प्रतिष्ठा हासील की है जो उन्हें प्रतिस्पर्धात्मक लाभ देती है., चाहे अपने नाम से व्यक्तिगत आधार पर या एक कंपनी के आधार पर आपको प्रतिष्ठा मिलती है. और एक ठोस रणनीति के आधार पर सफल प्रतिष्ठा का निर्माण करने की क्षमता एक सीईओ की प्रमुख जिम्मेदारियों में से एक है.
सीएनबीसी : श्री हेबर्न जाहिर है, के मुख्य कार्यकारी अधिकारी इन सभी नीतियों को बना सकते हैं, लेकिन क्या इसके लिये उन्हें अपने मातहत लोगों के समर्थन की जरूरत नही है?
हेबेर्न: बिल्कुल. एक सीईओ को केवल संवाद द्वारा रणनीति बतानी नहीं चाहिए बल्की इस रणनीति में उसे अपने मातहत कर्मचारियों को दिलोदिमाग से संलग्न कराना चाहिये जिससे इस रणनीति के अमल में लोग हिस्सा ले सके.
सीएनबीसी : अगर आपका सीईओ ही अकार्यक्षम हो तो?
हेबेर्न: ऎसे समय मे आपको कई दिक्कतें हो सकती है. जैसे की हम देख सकते है की मिसाल के तौर पर ऐपल कंप्युटर जैसी कंपनी, एक रूपांतरण के माध्यम से जा रही है. आईबीएम ने संगठन मे संपूर्ण बदलाव लाने के लिये लो ग्रेस्ट्नर को लाया. निदेशक मंडल की जिम्मेदारी है की यह सुनिश्चित करे की सीईओ कंपनी के लिये धन जुटाने की जिम्मेदारी का परिपूर्ण ढंग से निर्वाह करें. और अगर ऎसा नही होता, तो उसे सीईओ को हटाने का कठिन निर्णय लेना होगा.
सीएनबीसी : श्री हेबर्न, प्रबंधन की जानकारी होना अच्छी बात है. लेकिन व्यक्तित्व और करिश्मा के बारे में क्या? क्या यह महत्वपूर्ण है?
हेबेर्न: ठीक है, यह एक तत्व है. एक सीईओ का कार्य सबसे महत्वपूर्ण अंग है. यद्यपि करिश्मा आपकी सहायता कर सकता हैं. मगर उस करिश्मे के पीछे सामरिक क्षमता न हो तो उसका असर बहोत कम होगा
सीएनबीसी : क्या कोई अन्य व्यक्तिगत कौशल महत्वपूर्ण हैं?
हेबेर्न: मुझे लगता है के स्वाभविक रूप से, लोगों की सोच जुटाने की क्षमता और भविश्य के बारेमें सोचने के लिये तथा उसे वास्तव में पाने के लिए उन्हें प्रेरित करना यह सीइओ कि सफ़लता का एक प्रमुख तत्व है.
सीएनबीसी : श्री हेबर्न, आपके मार्गदर्शन के लिये बहुत बहुत धन्यवाद.