इससे पहले हमने "धोरणात्मक स्कोरकिपींग प्रणाली" की आवश्यकता पर एक लेख लिखा था। कार्यप्रणाली इस तरह होनी चाहिये जो, सफलता से, संगठन के कार्यनीति का मापन चार प्रकार से कर सके। पहले तीन प्रकार है : पारंपारिक आर्थिक उपाय, ग्राहक समाधान मापन और आंतरिक व्यापार पध्दती की परिणामकारकता। यह, आपकी कार्यनीति कितनी सफलतापूर्वक थी और होगी तथा कार्यान्वित होगी यह समझने के लिये आवश्यक साधन है। लेकिन जो चौथा घटक है वह शायद अधिक जटिल है क्योंकि यह शेष तीन घटक अपने आधार पर चलाता है।वह महत्त्वपूर्ण घटक है नवरचना। नवरचना, व्यापार की सफलता के पीछे एक प्रभावकारी व्यक्तित्व है। नवरचना, कंपनी में उत्पादित वस्तु तथा सेवाओं से कंपनी के भविष्य की आमदनी इकठ्ठा हो रही है यह निश्चित करता है।
नवरचना का मापन आप किस प्रकार करते है? ग्राहक के साथ समूह में कार्य करते समय, हम नवरचना को अलग दृष्टिकोन से देखने के लिये, मापकों का समूह इस्तेमाल करते है।
किसी भी पध्दती में ऐसा कोई एकमात्र मापन साधन उपलब्ध नही है जिससे नवरचना की प्रक्रिया पूर्णत: मापी जा सके। अपनी संगठना की योग्यता का, नवरचना करने के प्रति मूल्यांकनमूल्यांकन करते समय, अपने आप से यह १० सवाल पूँछना योग्य विचार है।
१. तीन वर्ष पहले प्रचलित किये गएँ, आपके कौन से उत्पादन आज भी बाजार में उपलब्ध है?
यह मापन, आपका उत्पादन प्रचलित करने पर कब तक जीवित रहने की संभावना है इसका मूल्यांकन करने के लिये बनायी गयी है। इससे आपकी नवरचना पर बाजार की प्रतिक्रिया का मापन आप कर सकते है।
१. तीन वर्ष पहले प्रचलित किये गएँ, आपके कौन से उत्पादन आज भी बाजार में उपलब्ध है?
यह मापन, आपका उत्पादन प्रचलित करने पर कब तक जीवित रहने की संभावना है इसका मूल्यांकन करने के लिये बनायी गयी है। इससे आपकी नवरचना पर बाजार की प्रतिक्रिया का मापन आप कर सकते है।
२. आपके कौनसे नएँ उत्पादन उनपर लगाये गएँ वार्षिक आय के अनुमान से भी अधिक है?
यह मापन, आपका उत्पादन वार्षिक आय बढा़ने में कितना सफल रहा है तथा बाजार जांचने की आपकी क्षमता का मूल्यांकन करने के लिये बनायी गयी है। लेकिन नवरचना परिणामकारक ही होनी चाहिये।
३.इन नएँ उत्पादन से आपने कितना कुल लाभ प्राप्त किया है?
आप अनुसंधान और विकास कार्य में काफ़ी खर्च कर रहें हैं तथा सफलतापूर्वक खर्च कर रहें है, यह निश्चित करने के लिये यह मापन बनाया गया है। अनुसंधान और विकास कार्य का निवेश, योग्य रूप से नएँ उत्पादन में परिवर्तित होना आवश्यक होता है, जिससे भारी लाभ/नफा प्राप्त होता है।
४. नएँ उत्पादन पर पिछले तीन साल में बढ़ता हुआ अनुसंधान और विकास कार्य का कितना खर्च बाँट दिया गया?
इस साधन से नएँ उत्पादन के विकास पर अनुसंधान और विकास कार्य का कितना खर्च बाँट दिया गया यह निश्चित होता है।
५. नएँ उत्पादन से पिछले तीन साल में कितनी बढ़ती वार्षिक आय प्राप्त हुई है?
यह, नवरचना प्रयत्न से प्राप्त वार्षिक आय की तुलना बिक्री से कंपनी को प्राप्त संपूर्ण वार्षिक आय से करते है। लेकिन कंपनी की उन्नती के लिये अगर नवरचना आवश्यक है तो यह परिमाण वार्षिक १५ से २५ प्रतिशत का होता है।
६. विश्व में पुरी तरह अपरिचित नएँ उत्पादन के लिये बाँट दिया गया पिछले तीन साल का बढ़ता खर्च कितना है?
यह मापन, विद्यमान उत्पादन कि लाईन एक्स्टेन्शन्स की तुलना में, पूर्णत: नएँ और निराले उत्पादनों पर बाँटे दिये गएँ निवेश के स्तर निश्चित करने के लिये तैयार किया गया है।
७. निम्नलिखित उत्पादन नवरचना प्रक्रिया के आधार पर, नएँ उत्पादन से कितने प्रतिशत तक वार्षिक आय प्राप्त होती है?
विश्व में अपरिचित
कंपनी के लिये अप्रचलित
लाईन एक्स्टेन्शन
उत्पादन श्रेणी सुधार
अगर आप नवरचना साधन की संतुलित निवेश सूची का प्रयत्न कर रहे है, तो नव उत्पादन का ४० प्रतिशत हिस्सा विश्व में अपरिचित तथा कंपनी के लिये अप्रचलित उत्पादन विभागों में होना जरुरी है।
८. वर्ष के अंत में, विकास प्रक्रिया की प्रत्येक अवस्था में कितने नएँ उत्पादनों की संकल्पना आवश्यक है?
यह साधन नएँ उत्पादन के विकास कि पाइप लाइन कितनी भरी हुई है, यह लक्षण सूचित करता है।आपकी, नवरचना प्रक्रिया के दौरान उत्पादित किये गएँ नएँ उत्पादन से कितनी वार्षिक आय प्राप्त होगी यह जांचने की क्षमता होनी आवश्यक है।
९. प्रत्येक कर्मचारीद्वारा, नएँ उत्पादन से प्राप्त वार्षिक आमदनी कितनी होती है?
आपके कर्मचारी संसाधन का विनियोजन तथा शिक्षा प्राप्त करने की उनकी क्षमता का मूल्यांकन यह पध्दती में होता है। भविष्य में उन्नती के लिये, अंतर्गत ज्ञानाधार पर की गयी नवरचना, कंपनी के लिये महत्त्वपूर्ण हो सकती है।
10.
१०. बाजार में चलते नएँ उत्पादन से प्राप्त पिछले तीन साल के बढ़ते शुध्द लाभ कितने है?
इनसे नवरचना से प्राप्त संपूर्ण प्रतिलाभ की जानकारी आपको मिल सकती है। नएँ उत्पादन से प्राप्त पिछले तीन साल के शुध्द लाभ को नएँ उत्पादन पर किये गएँ पिछले तीन साल के बढ़ते खर्च से भाग देकर यह जानकारी पायी जाती है।थॉमस कुमारस्की अपनी किताब "इनोव्हेशन्स" से हमे याद दिलाते है कि नवरचना एक प्रक्रिया से ज्यादा एक मानसिकता है। आप जैसे सोचते है वैसे आप बनते है।
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