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एक मुख्य कार्यकारी अधिकारी होने के नातें क्या आप में यह तीन अभिलक्षण है: विश्वास और अनुभव के सहारे कुशल निर्णय लेना, लिये गये निर्णय पर साहस से काम करना, हमेशा अपने निर्णय के दीर्घकालिक परिणामों पर विचार करना? अगर है, तो आप का संगठन एक ऐसा कामयाब संगठन होगा जो विश्व में चलते बदलाव को समझकर अपना कार्य नियमित रूप से कर सके। नीतिविषयक विचार व्यावसायिक परिवेश का अभिन्न अंग है। ध्यान देकर सुनना और उत्तर देना इस प्रक्रिया से मुख्य कार्यकारी अधिकारी बहुत सीख़ सकते है। इसी शिक्षा के आधार पर वह स्त्री अथवा पुरूष सुविज्ञ निर्णय लेकर अपनी कंपनी को नयी दिशा दिखलाते है। तथापि कुछ मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को विश्व में चलते प्रमुख बदलाव तथा किस तरह बड़े व्यापारी यह बदलाव को "नियम" बनाकर खेलेंगे इन चीजों की जानकारी नहीं होती है । इन बदलतें नियमों पर किये गये सूक्ष्मदृष्टी विश्लेषण में, क्लेम संटर (दी न्यु सेंच्युरी : क्वेस्ट फ़ॉर दी हा्य रोड) ने चार मुख्य क्षेत्र पहचान लिये है, जिन पर, कंपनी का भविष्य निर्भर करने के लिये, लिये गये हमारे निर्णय प्रभाव कर सकते है। वस्तुतः, प्रत्येक क्षेत्रसंबंधी हमारा उत्तर भिन्न होगा, इस के बावजूद भी, हम कूटनीतिक निर्णय लेते समय इन पर विचार अवश्य करेंगे। ं
यह चार क्षेत्र है : जन संख्या, तकनीक, मान्यताएं, तथा जीतनेवाले और हारनेवाले राष्ट्र। इन चार क्षेत्र का मूल्यांकन करने पर अपने आप से एक सवाल पूँछें, "मेरे व्यवसाय में इन का क्या सम्बंध है?"
पहला क्षेत्र है जन संख्या। पश्चिम युरोप, जपान तथा उत्तर अमरिका, विश्व आमदनी का ७०%हिस्सा प्राप्त करते है तथा उनकी ओसत प्रति व्यक्ति आय शेष जगत से १५ गुना अधिक है। अब वह अमीर है पर बुढे़ हो गये है। जैसे आप की आमदनी बढ़ती है वैसे सन्तान प्राप्ती दर कम होता जाता है और जन संख्या की औसत आयु बढ़ती जाती है।जपान के हर परिवार में औसत १.५ बच्चे होते है। भविष्य में संपूर्ण बाजार इन तीन राष्ट्र के अमीर बुढ़े लोगों मे होगा। यह अमीर बुढे़ लाखों है।
लेकिन अन्य कई देशों में ऐसे जवान अब्जाधीश है जिस राष्ट्र की जन संख्या तेज बढ़ रही है और जहाँ पर अर्थव्यवस्था विकास के लिये कठोर परिश्रम किये जाते है। प्रति वर्ष, भारत में ऑस्ट्रेलिया की जन संख्या के बराबर बच्चे पैदा होते है। पहला अब्जाधीश बनने में तीन दशलक्ष साल लगे थे। अनुमान के अनुसार, वर्ष २००० से वर्ष २०१२ तक कई अन्य अब्जाधीश तथा सात अब्ज जन संख्या होने की संभावना है। वर्ष २००५ तक विश्व के १५ साल के ९०% बच्चे विकसनशील राष्ट्र में पाए जाएंगे। उनकी अर्थव्यवस्था विकास के लिये असमर्थ रहीं तो अमीर और ग़रीब राष्ट्र का विभाजन होकर, सामाजिक और राजनीतिक तनाव भी बढ़ सकता है। विश्व के कौन से विभाग में आप उत्पादन कर रहें है और उनकी बिक्री कहाँ करना चाहते है? दूसरा क्षेत्र है तकनीक। हर पीढी किसी न किसी तकनीकी आविष्कार से प्रभावित है जैसे कि विद्युत शक्ति, मोटरगाड़ी अथवा जेट वायुयान। आज की पीढ़ी का आविष्कार है माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स। छोटे संगणक, रक्त पेशीयों के अंदरी हिस्सो को देखने की क्षमता रखने वाले माइक्रो कैमेरा, तथा अन्य उत्पादन अधिक कार्यक्षम है, अधिक छोटे हैं एवं समाज बदल रहें हैं।
माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स, समाज के व्यक्तिगत उत्पादन क्षेत्र को बढा़वा दे कर निहायत कुशल व्यक्तियों का एक समूह बना रहा है। अमरिका में ५०% अमरिकन जो जिन उद्योगों में काम करते है, वह उद्योग २०० से भी कम लोगों के अधिपत्य में है। जपान के हर सात मे छँह व्यक्ति छोटा व्यापार करते है और विश्व में ९५% काम छोटे व्यापार तथा अनौपचारिक सेक्टरों में स्थापित होते है।
हमारी सर्वत्र ज्ञान पाने की क्षमता ने छोटे संगठनों को किसी भी बडे़ उद्योग से सफलतापूर्वक मुकाबला करने में समर्थ बनाया है। आपकी संस्था कितनी उन्नती चाहती है? दूसरी बात ये है कि माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स, समाज में उत्पादन का व्यक्तिगत इस्तेमाल बढा़ रहा है, जिससे उत्पादक को अपना उत्पादन "लोगों की अपेक्षानुसार बनाना" संभव हो रहा है।
भविष्य में तकनीकी क्षेत्र का प्रभाव संदेश वहन, परिवहन तथा पर्यावरण पर होगा। 'डॉली' नामक एक भेड़ का प्रतिरुपण जीव-प्रौद्योगिक क्रान्ति में एक शुरुआत मानी जाती है। कौनसे तकनीकी बदलाव भविष्य में आपका व्यवसाय चलाएंगे?
खेल का तिसरा नियम है मान्यताएँ। हमारी सोच समाज को बदलती है। हमारे समाज में बहुत सी प्रतियोगी मान्यताएं है जैसे राष्ट्रीयत्व विचार विरुध्द धार्मिक उत्साह – इन में मेल होना जरुरी होता है। अगर देखा जाएं तो हर मनुष्य कि यही धारणा होती है कि ऐसी प्रणाली विकसित की जाए जो दीर्घ समय चलें, जिससे आपेक्षित शान्ती तथा समृध्दी बनाएं रखने में मदद हो। जीवन एक तरजू है और आज कई राष्ट्र, अर्थव्यवस्था विकास और पर्यावरण संबंधी स्वास्थ्य तथा जीवन की विशेषता में सन्तुलन बनाएं रखने में कठोर परिश्रम ले रहे है। यह बड़ा कठीन काम है। आपके कंपनी की क्या मान्याताएं है और उत्पादन में उनका सहयोग कैसा होता है?
चौथा और आखरी नियम है जीतनेवाले और हारनेवाले राष्ट्र। विश्व की होती हुई प्रगती के बावजूद, आने वाले भविष्य में राष्ट्र ही एक मूल घटक होगा जो व्यवसाय की यशस्विता के लिये पोषक वातावरण बनाएगा।
एक कामयाब राष्ट्र के गुणविशेष कुछ इस प्रकार होते है : सबसे पहली और महत्त्वपूर्ण बात कि एक साक्षर राष्ट्र सबसे अधिक कामयाब होता है। लेकिन इस बात पर ध्यान देना जरुरी है कि वह राष्ट्र में वकील के साथ साथ अभियंता भी बन रहे है।
दुसरा गुणविशेष है कार्य नैतिकता। जितने के लिये चालाक होते हुएँ अधिक परिश्रम करने की तैयारी जरुरी है। इसलिये कम आयकर, पारिवारिक सुस्थिती तथा भ्रष्टाचार मुक्त सरकार यह घटक आवश्यक है।
तिसरा गुणविशेष है बचत करने की सुविधा। जिस से हमारा भविष्य सुरक्षित होता है। चौथा गुण है द्विक-अर्थव्यवस्था का विकास। जिस में बडे़, आधुनिक तकनीक समावेषक उद्योग तथा आर्थिक साधन, छोटे व्यापारों के साथ कार्यरत हो, जिससे अन्य व्यवसाय प्राप्त होकर राष्ट्र का भविष्य बन जाएँ। पाँचवा गुणधर्म है सामाजिक एकरूपता के साथ सामाजिक न्यायसंबंधी सक्षम ज्ञान। कामयाब राष्ट्र की आखरी गुणविशेषता है कि वह राष्ट्र एक वैश्विक खिलाड़ी होना आवश्यक है। बहिर्मुख अर्थव्यवस्था ा अंतर्मुख अर्थव्यवस्था के मुकाबलें तीन गुना अधिक विकसित होती है। आपकी कार्यनीति के अनुसार भौगोलिक क्षेतमें कौनसे राष्ट्र में यह अभिलक्षण है? अपने व्यापारसंबंधी आपका अनुमान क्या है? कई सालों से वरिष्ठ अधिकारियों के साथ कार्यनीति पर काम करते समय एक महत्त्वपूर्ण सवाल पूछा जाता है कि "भविष्य कैसा होगा?" (mehr)

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