निकोलस ब्रुक, एक आंतरराष्ट्रीय कंपनी के भूतपूर्व मुख्यनिरक्षक एवं उन के परावर्ती इनसीगनीया ब्रुक के लिये सलाहकार है, जो । यह कंपनी नासडॅक सूचित भू-सलाहकार कंपनी इन्सिग्निया का प्रादेशिक मुख्यालय है, । ब्रुक आंतरराष्ट्रीय १९९८ में एक परिवार-प्रचालित छोटी कंपनी शुरु हुई थी। उन्होने दूसरी भू-सलाहकार कंपनी से मिलकर अपने कार्य क्षेत्र का विस्तार कर उसकी उन्नत्ती की, उन्होने १९९१ में आंतरराष्ट्रीय भू-सलाहकार एजंसी हिलर पार्कर से फ़्रॆंचायजी करार किया और यह परस्परलाभदायी करार सात साल तक चला ।ब्रूक कहतें है, "जब हिलर पार्कर ने कहाँ की वे भिन्न मार्ग अपनाना चाहतें हैं, तब हमनें सोचा की, हमें पीछे देखना चाहिये,एवं भविष्य में हम कहाँ जाना चाह्ते है, इस पर विचार करना है। यहि से उन्होने सोचा की उन्हे विचार प्रक्रिया के विषय में बाहरी सलाह एवं विनिमय से अधिक कुछ चाहिये।
इस समय ब्रुक सवाल जानतें थे किंतु उन के जवाब नही।बहुत"वास्तव यह था की अवसर अनेक थे किंतु हम सभी के लिये सभी कुछ नही कर सकतें।" ब्रूक कहतें हैं, " हमें कुछ तीन या चार क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना था जिस में हम दिखा सकें कि हम मूल्यवर्धित सेवा दे रहें हैं। यह प्रश्न था एक ऐसी प्रक्रिया ढूँढने का जिस से हम चुनाव कर सकें |
इस शोध प्रक्रिया मिली स्ट्रॅटेजिक थिंकिंग ग्रूप से जो आंतरराष्ट्रीय सलाहकार है और नीतीकंपनी की नीती विकसित करने में मदद करतें हैं। उसमें स्ट्रॅटेजिक थिंकिंग ग्रूप के जेम्स हाईब्रन ने हमें बिठाया और कहाँ " आप यदी अपना सुनहरा भविष्य चाहते हो तो नियमबद्ध मार्ग चाहिये। आप को धोकें और चुनौतियाँ देखकर अवसरों की खिडकी ढूँढनी है।" ,एवंम् उन्होने अपनी संपूर्ण प्रक्रिया से भी अवगत कराया इस विषय मै ब्रुक ने कहाँ की " मैने इस पूरी प्रक्रिया में दो बिंन्दु पर प्रकाश डाला है। जिनमे से मुख्य यह हे की " यह दुनिया बदल रही है और इस बदलाव में हमारी भूमिका महत्त्वपूर्ण होगी", इस पूरी प्रक्रिया से ब्रुक को अपनी कंपनी की प्रमुख शक्तिस्थलों की भी पहचान हुई। हम ने आखिर निश्चित किया के
ब्रुक का आंतरराष्ट्रीय विकास क समय अच्छा नही चल रहा था। क्योंकी इस समय विश्व मैं भू-सलाहकार कंपनीयों मैं एक उतरन आ गयी था। "१९९८ और १९९९ यह साल अर्थ सम्बन्धी सब से कठिण समय था", ऐसा ब्रूक ने कहा "लोगों को उनका वेतनमान नही मिल रहा था। इस समय कंपनी के १९ (स्टेक होल्डरस) विना वेतनमान से कई दिनों तक कंपनी मैं काम कर रहे थे। सभी का मुश्किल समय था, पूरी भू-सलाहकार कंपनी क्योंकी पूरे बाजार में उस समय उतार चढ़ाव चल रहा था,पूरी कंपनी का समय सही नही था। हम बहुत ज्यादा कठिनाई से कंपनी मैं बिल पे कर पा रहे थे।"
ब्रुक ने विचार किया की उनकी नई नीती कंपनी को इस समय से उभार सकती है। ब्रूक ने सभी टिम लिडर को संदेश दिया और कहाँ कि "हर टीम लीडर ने अपनी टीम तक यह संदेश पहुँचाया की, किस तरह निष्कर्ष पर आना है, कार्यालय की दृष्टी से इस का महत्त्व क्या है।" ब्रूक कहतें है, "इस तरह से हमें वरिष्ठ स्तर से आदानप्रदान मिला एवं वरिष्ठ स्तर ने समूह को समझाया"
और उस के परिणाम अत्याधिक सकारात्मक थे। कंपनी अब आगे चल रही थी और वास्तव समझ रही थी एवं समझ रही थी की आशिया ही प्रमुख अवसर है" ब्रूक ने कहाँ ,"स्टाफ़ अत्याधिक ईमानदार था। बहुत कम नुकसान हुआ। और तब माँग थी की भविष्य के बारे में जानकारी मिलें और कनिष्ठ स्तर को निश्चिती प्रमुख थी।किंतु केवल इस गिरावट से उभरने के बावजुद ब्रूक की नीती का परिणाम यह था की, ब्रूक आंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक सब से बडी पाँचवी और छठी कंपनी बन गयी। "हमें लगा की हम ने व्यवसाय का इतना विकास कर लिया है की हमारे पास खुद के संसाधन, पूँजी एवं भागीदार एवं भागधारकों की पूँजी है।" "इस बडी उडान के लिये, हर तरह की सेवाएँ देनेवाली प्रादेशिक कंपनी बनने हेतु, हमें बडी पूँजी की आवश्यकता थी। हमारे पास था, उस से भी अधिक और पारंपारिक बॅंक में रखने से भी अधिक। ब्रूक के कर्मचारियों के साथ भी यह योजना निश्चित हुई। उन्हों ने यह जान लिया की," आशिया के अवसर का लाभ उठाने का मार्ग है आर्थिक संसाधन एवं विश्व बॅंक से सहयोग।" ब्रूक कहतें है, "इस तरह नीती को सकारात्मक दृष्टी से देखा गया।
"खरीददार ही स्वाभाविक उपाय है" हमने अपना प्रोस्पेक्टस तैयार किया" ब्रूक ने कहाँ "हमें बहुत सारे लोगों ने संपर्क किया और बहुत जल्द हम एक वैश्विक अर्थ कंपनी के साथ ्जुड जाने वाले थे। यह करने से पहलें पूरे १९ स्टेक होल्डर ब्रूक के साथ बैठे एवं पूछा " क्या आप यह आगे करना चाह्ते है?," सभी की सहमती हुई की ब्रूक में दस साल के लिये निवेश करने के बाद वे निवेशकों के ब्रॅण्ड को सेवा नही देना चाहतें।
योग्य सहयोगी ढूँढने में प्रमुख था उन की नीती को बनाना और उसे विकसित करना ।
हमने वह सभी चीज़ें लिखी जो अत्यावश्यक थी, इस से हमें "अत्यावश्यक" सूची मिली और एक "यह होने से अच्छा होगा" इस तरह की सूची मिली।" यह सब स्ट्रॅटेजिक थिंकिंग प्रक्रिया से हुआ।" ब्रूक ने कहाँ। ब्रॅण्डिंग यह अत्यावश्यक सूची में एक था । "हम ने ब्रॅण्ड बनाने में दस साल लगाये थे और हमें वह छोडना नही था।"
"तब हमें इनसिंगनिया ने संपर्क किया" ब्रूक ने कहाँ " अगर इनसिंगनिया ने कहाँ होता की आप को इनसिंगनिया के झेंडे के नीचे ही आना चाहिये तब वह सौदा तूट जाता।, इनसिंगनिया अपने नाम इनसिंगनिया ब्रूक के साथ संतुष्ट था। इनसिंगनिया के पास रशिया मैं प्रतिनिधित्व के लिए कोई नही था जो की उनके आपस के विवादों को सुलझा सके,फ़िर ६ महिने बाद हम ने एक सौदा किया" ब्रूक ने कहाँ , "और हम इनसिंगनिया ब्रूक बन गये २००० में।" इनसिंगनिया ने सभी कर्मचारियों को मध्यस्थ व्यवस्थापकों के साथ विश्व कंपनी में शेयर होल्डर बनाया।
इन दिनों इनसिंगनिया ब्रूक एक ऐसी कंपनी की तरह नही नज़र आती जो आर्थिक गिरावट से उभरी हो। ब्रूक बोले, "कंपनी के नये सुसज्ज कार्यालय चमक रहें हैं एवं भौगोलिक दृष्टी से एवं कार्यालय संख्या से भी कंपनी दिनो दिन तरक्की कर रही है। इनसिंगनिया ब्रूक के पास १६ कार्यालय एशिया के १२ देशों में है और ५०० लोगों को रोजगार दिया। यह २०% व्यापार सलाहकार ,८०% भु-सलाहकार है। ब्रूक ने कहाँ की व्यवसाय एवं भू-विषयक समस्या सुलझाना उनकी विशेषताहै। और उन्होने जो खुद सिखा वो अब दुसरों कि मदद में लगा रहे है ।
इनसिंगनिया ब्रूक के भविष्य में ब्रूक सोचते है कि यह नीती के पुनरवलोकन का समय है। दुनिया लगातार बदल रही है, अगर हम उचे स्थान पर है तो हमें निरंतर पुनरवलोकन करतें रहना आवश्यक है। उन्होने कहाँ कि हमे पिछे मुडना चाहिए और देखना चाहिए । हमे लगा तार खुद में परिर्वतन लाना चाहिए । ब्रूक कह्ते है कि " एक साल पहले जो सेवायें हम देतॆ है वे बदल चुकी है ।" तकनिके बदल गई है हमें उन्हे अपनाना चहिएँ । कंप्युटर सारे गणिती विचार कर सकता है तो हमें आगे देखना चहिए और देखना चाहिये की हम कहाँ जा रहें है, शायद आगे हमारे सिच एवं विश्वास की और भी कडी परीक्षा होगी।
अब यह कोई माइने नहि रखता कि इनसिंगनिया ब्रूक अपनी नीती परिवर्तित करता है अथवा भविष्य में किंतु उस के पास पहले बनाये हुए प्राथमिक साधन है। जब ब्रूक को पूँछा की वर्तमान कार्यनीती एवं स्ट्रॅटेजिक थिंकिंग के पूर्व कार्यनीती में क्या अंतर है, तब वे कहतें हैं, "हम भविष्य के निर्णय अधिक गहराई से लेते है, बाज़ार के विषय में सोचतें है, हम अपनी सोच में काफी रचनात्मक हो गयें हैं।" किंतु रचनात्मक का मतलब मंद नही है। इस का मतलब है बेहतर नीती विचार।
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