हाँगकाँग स्थित कंपनी के व्यवस्थापकीय निर्देशक, गोलिन हॅरिस को दूरदृष्टी है। वह भविष्य में झाँक सकती है, चाहे उसका व्यवसाय हो या निजी जीवन, अपने मन नें ठाने लक्ष्य का स्पष्ट चित्र उसके सामने होता है। पर उससे ज्यादा उल्लेखनीय चीज है, कि इस दृष्टी को वह वास्तव में बदल सकती है।
भविष्य में झाँकने की यही देन से उसने १९९३ में फॉरेस्ट इंटरनॅशनल की स्थापना की। यह एक कॉर्पोरट कम्युनिकेशन और पब्लिक रिलेशन्स कन्सलटन्सी है जो प्राथमिक निवेशकों के सामने कंपनी की प्रतिष्ठा का व्यवस्थापन करने में निपुण है। उसे पता था कि अगले ७ या ८ सालों में उसे कहाँ पहुँचना है, और फॉरेस्ट इंटरनॅशनल उस का वहाँ तक पहुँचने का तिकट था। फिर भी आशिया में व्यवसाय करने के लिए उसके पास सही योजना है इसके बारें में वह संदिग्ध थी। इस लिए, जब उसकी कंपनी को शुरु होकर १८ महिने हुए थे और उसके पास सिर्फ पाँच कर्मचारी थे, तभी उसने मद्द लेने का अलग कदम उठाया।
यह मद्द स्ट्रॅटेजिकस्ट्रॅटेजिक थिंकिंग ग्रूप , एक आंतरराष्ट्रीय कन्सलटन्सी- जो कंपनी को उनकी कॉर्पोरट नीति का विकास करने में मार्गदर्शन करती है- उसके रूप में मिली। जब कोई कंपनी मुश्किल में होती है या कोई नाट्यमय बदलाव करने की जरूरत होती है, ऐसी परिस्थिती में ही ज्यादातर कंपनीयाँ दीर्घकालीन योजना पद्धती से गुजरती है। लेकिन फॉरेस्ट ने जल्दी इसपर विचार किया क्यूं की उसे अपनी नई कंपनी के लिए ध्येय निश्चित करने थे और केवल निश्चित आवक हेतु विकास काफ़ी नही था।
फॉरेस्ट कहती है, "हम ने जब शुरुआत की, हम तेजी से आगे बढ रहे थे और सेवा तथा प्रदेश के क्षेत्र में कई मौके मिल रहे थे। पूरे आशिया में उपलब्ध अवसर देखकर हम हैरान थे"। "हमें कई सवाल भी थे जैसे, हमें कितना आकारमान प्राप्त करना है? हमें कैसे कार्य करना है? और कहाँ? हमें कौनसी सेवाएँ देनी होंगी? हमें कौनसे कौशल्यों की आवश्यकता होगी?"
मर्यादित मानव तथा आर्थिक संसाधन रही छोटी कंपनी होने की वजह से "मौकों का फायदा उठाते हुए गलत कदम लेकर हमनें शायद बहुत सारा पैसा और वक्त बरबाद किया होगा", फॉरेस्ट ने कहा। उसकी खुदकी दूरदृष्टी उसके कर्मचारियों को उत्तेजन देने के लिए काफी नही थी, यह उसने सीखा। स्ट्रॅटेजिकस्ट्रॅटेजिक थिंकिंग ग्रूप के साथ नीति सत्र होने के अंत में फॉरेस्ट इन्टरनॅशनल के पास एक योजना थी, जिस में सभी कर्मचारी शामिल हो सकते थे। इतना ही नही, वे सभी कर्मचारी जो भविष्य में मंडल (board) पर आए, स्वेच्छा से योजना में शामिल हुए।
फॉरेस्ट कहती है, "मै जानती थी की, एक मजबूत व्यवसाय विकसित करने हेतू, भविष्य का स्पष्ट चित्र हमारे मन में होना चाहिए"। "और वही हुआ, पहला स्ट्रॅटेजिक थिंकिंग सत्र होने के बाद छ: महिने के भीतर ही, फॉरेस्ट इंटरनॅशनल ने उन्ही पाँच लोगों के साथ अपना व्यवसाय दुगना किया। उस वक्त , यह कभी संभव हो पाएगा ऐसा हमनें सपने में भी नही सोचा था"। "लेकीन स्ट्रॅटेजिक थिंकिंग ने हमारे व्यवसाय निर्णयों पर ध्यान केंद्रित किया, कुछ छोटी मुश्किलें जो हमें आगे बढने से रोक रही थी, उन्हे दूर करनें में हमारी मद्द की, और हमारे लिए विकास के नए दरवाज़ें खोलें"। बारह महिनों के बाद, कंपनी के कर्मचारीओं की संख्या १३ पर गई और वह प्रदेश में दुसरा ऑफिस खोलने की तैयारी में थी।
फॉरेस्ट कहती है कि फॉरेस्ट इंटरनॅशनल का स्ट्रॅटेजिक थिंकिंग प्रक्रिया से गुजरना उनके ग्राहक के लिए भी फायदेमंद था। वह कहती है, "हमारे ग्राहक सालाना आर्थिक योजना से गुजरते है तथा ज्यादातर तीन से पाँच साल की धोरणात्मक योजना बनाते है"।हमारी धोरणात्मक योजना और सालाना बजट में शामिल होने से, सभी कर्मचारीओं को हमारे ग्राहक के व्यवसाय व्यवस्थापन प्रकिया की अच्छी समझ मिली।", "हामारे ग्राहक कैसा सोचते है और वे दीर्घकालीन योजना कैसे बनाते है इसकी दृष्टी भी इस प्रकिया से हमें प्राप्त हुई। कुछ मामलों में, हमें यह जानने में भी मद्द हुई कि हमारे ग्राहक को , स्ट्रॅटेजिक थिंकिंग प्रक्रिया से जाना जरूरी है, और उनमें से कुछ ने स्ट्रॅटेजिक थिंकिंग ग्रूप की सहायता भी ली"।
वह आगे कहती है कि ग्राहक की नीति पहचानना उनके शेअरहोल्डर्स के साथ बातचीत करना सुलभ कर देती है। फॉरेस्ट कहती है, " अगर किसी कंपनी को पता नही हो कि वह कहाँ जा रही है और स्पष्ट नीति तथा दृष्टी ना हो, तो उनके लिए बाजार में अपनी जगह बानाना तथा कॉरपोरेट प्रतिष्ठा हासिल करना बहुत कठीन है"। "स्ट्रॅटेजिक थिंकिंग ग्रूप के साथ काम करके, हम उन्हे उनकी धोरणात्मक दिशा उनके कर्मचारी तथा निवेशकों के सामने रखने में सहायता कर सकते है"।
फॉरेस्ट कहती है, "धोरणात्मक दृष्टी से सोचना और आगे योजना बनाना, मेरे नीजी तत्वज्ञान का भाग है। स्ट्रॅटेजिक थिंकिंग ग्रूप की प्रक्रिया मुझे अच्छी लगी। स्ट्रॅटेजिक थिंकिंग प्रक्रिया का बडा परिणाम यही था कि अगले सात साल तक उसी नीति पर डटे रहने के लिए हम सभी राज़ी थे तथा उस विशेष दृष्टी के लिए हम प्रतिबद्ध थे"। इसी दृष्टी ने उन्हे सात साल के कालावधी में प्रदेश में चार ऑफिस तथा ७० से ज्यादा कर्मचारीओं समेत बडी पब्लिक रिलेशन फर्म बनने में सहायता की। ग्राहकों में भी बडे बडे नाम अंतर्भूत है, जैसे कि, हॉन्ग- कॉन्ग के वी- टेक, जार्डिन्स और बहुराष्ट्रीयों के आशियाई ऑपरेशन में किम्बरले-क्लार्क और मॅरिओट।
लेकीन इससे ज्यादा अच्छी बात यह है कि कंपनी अपने लक्ष्य पर डटी रही तथा उसने बनाई योजना के ध्येय शुरुआती नीति सत्र में ही प्राप्त किए।सातवे वर्ष के अंत में कंपनी एक निवेशक ढूंढेगी जो आगे बढने में उनकी सहायता करेगा यह कंपनी की योजना का भाग था। फॉरेस्ट ने कहाँ, "हमने १९९४ में बनाई योजना का एक भाग होने के तौर पर , हम जानते थे कि हमारे विस्तार के खर्चे के लिए हमें एक साहसी पूँजीदार ढुंढना होगा या किसी आंतरराष्ट्रीय फर्म ने कंपनी को खरीदना होगा"। आशिया के आर्थिक संकट से साल भर बैठे रहने से बेहतर था की हम सही राह पर थे।
अमेरिका की पब्लिक रिलेशन फ़र्म गोलिन/हॅरिस के साथ समझौता करने से पहले फॉरेस्ट को पाँच ऑफर्स थे। फॉरेस्ट इंटरनॅशनल की नीति तैयार करने तथा लक्ष्य पूरा करने के लिए नीतिनुसार चलने की क्षमता से भविष्य़ के खरीददार प्रभावित होते थे।फॉरेस्ट कहती है, "हमारी कंपनी को खरीद लेने के लिए हमारे पास पाँच पब्लिक रिलेशन फर्म के ऑफर थे। क्यूं की हमारी एक चीज उन्हे सबसे ज्यादा प्रभावित करती थी यह कि हम हमारी नीति के बारे में बहुत स्पष्ट थे और उन्हे दिखा सकते थे कि हम सात साल की लंबी योजना बनाकर अपने लक्ष्य हासिल कर सकते हैं"। इस कारण फॉरेस्ट एक स्पृहणीय स्थिती में जा पहुँची जहाँ वह खुद संभाव्य अभियोक्ता कंपनी को चुन सकती थी।
"जब मैने बैठकर कंपनी की (जो हमें खरीदेगी) सूची निकाली, तो व्यवहार में जो निकष मुझे रखने थे, वह मैंने सूचित किए", फॉरेस्ट ने कहा। "पैसे से पहले आती थी अनुरुपता और संस्कृती। इसका एक महत्वपूर्ण भाग यह था कि, क्या वे आशिया पर विश्वास करते हैं? हमारा आशिया पर बहुत विश्वास था, और इस बारे में हमें संदिग्ध नही रहना था कि कंपनी हमें सिर्फ इसलिए ना खरीदे की हमारे जरीए उनका यू एस का कारोबार चला सके। हमें ऐसी कंपनी चाहिए थी जो कहे कि हम भी आशिया पर विश्वास करते है और हम आपको आर्थिक मद्द करेंगे ताकी आप बाहर जाकर आशिया में आप जैसे बडे बडे कार्य करें"।
गोलिन/हॅरिस विधेयक को अनुरुप हुए, और जून २००० में उन्होने फॉरेस्ट इंटरनॅशनल खरीद ली। गोलिन/हॅरिस के बारे में फॉरेस्ट कहती है: "वैश्विक ब्रॅन्ड बनाने के लिए वे प्रतिबद्ध है तथा हमारी नीति बनाने की तथा हमारी पद्धती से कार्य करने की अनुमती उन्हे हमें दी है"।इतना ही नही, वैश्विक कंपनी का हिस्सा होने से "करीअर के विकास के लिए हमें बडे अवसर हासिल हुए और नई कल्पनाओं तक हम पहुँच पाएँ"।
अब फॉरेस्ट एक मल्टिनॅशनल कंपनी के आशियाई कारोबार की नियंत्रक है जहाँ विकास की सक्ती एवं उस के लिये आवश्यक निधी भी है।और यही उसके मन में था।आजकल, जब फॉरेस्ट बाहर व्यावसायिकों को नीति के विकास का मूल्य बताती है, वह कहती है की वह हमेशा उनके पास वक्त ना रहने का कारण सुनती है।उसका कहना है: "मुझे नही पता कि अन्य कोई भी चीज़ करने के लिए उन्हे कैसे वक्त मिलता है?"
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