ज्यादातर सभी सी ई ओ बदलाव से नही डरते।लेकीन कुछ उसे गले लगाते है, जैसे कि पॅट रॉस, बेयर डायग्नोस्टिक्स के आशिया की मुख्य निष्पादन अधिकारी।आशिया में कभी रहने वाली उल्टी-पुल्टी आर्थिक परस्थिती के बावजूद, रॉस ने पिछले दस सालों में उसकी कंपनी को दो अधिग्रहणों से चलाया, सिबा- कॉर्निंग से चिरॉन से बेयर डायग्नोस्टिक्स। और हर बार उसकी कंपनी, एक तितली अपने कोष को तोडकर पुन: बाहर आए, वैसे अधिक मजबूत और बेहतर बाज़ार स्थिती के साथ उभरी।
यह कैसे संभव हुआ? रॉस के पास कंपनी के संचालन की रूपरेखा तथा वह कैसी होनी चाहिये उसका नक्षा भी था।साल १९९२ से उसने अपनाई हुई स्पष्ट और मजबूत नीती, जो कि हाँगकाँगहाँगकाँग क्न्सलटन्सी स्ट्रॅटेजीक थिंकिंग ग्रूप की सहायता से बनाई गयी थी, उसके अनुसार, उसकी कंपनी ने क्या हासिल किया है तथा कौनसी चीज पूरी करने की योजना बनाई गयी थी यह वो दिखा सकती है। रॉस कहती है, "हम अपना स्थान दोनो रूप में पेश कर सकते थे, ऐतिहासिक रूपसे और भविष्य की दृष्टी से। इस नीती के आधार पर कंपनी ने हासिल की हुई सफलता और भविष्य की तरफ उसका कदम यह भी वह दिखा सकती थी।
इतना ही नही, उसकी कंपनी में जो संचार व्यवस्था थी, वह आशिया के लिए अनुठी थी।निर्धारण /मूल्यांकन का प्रसार नीचले स्तर तक हुआ है, फॅक्टरी कर्मचारी से लेकर वह खुद भी धोरणात्मक स्कोरकार्ड का इस्तेमाल करते है।और मासिक संचार सत्र सभी कर्मचारीओं के लिए अनिवार्य बनाया गया है।रॉस ने कहा, "सभी मुद्दोंपर साफ साफ चर्चा की जाती है"।"मेरा मानना है की आप पूरी बात बोल नही पातें।जो कुछ भी चल रहा हो वह हर एक चीज, चाहे वो, आनेवाले बदलाव हो, परिणाम, धोरणात्मक मुद्दे, तथा रक्षा और गुणवत्ता संबंधी मुद्दे"।
निर्णय लेने की प्रकिया में समाविष्ट करने हेतू रॉस ने कंपनी के क्रॉस सेक्शन के लोगों की भी एक टिम बनाई।कंपनी कार्यकारी समिती द्वारा चलाई जाती है, जिनमें आठ लोग शामिल है, सभी कार्य प्रमुख या प्रदेश प्रमुख है।एक धोरणात्मक टिम भी है, जो धोरणात्मक सत्रों को उपस्थित रहती है। रॉस ने बताया कि उसमें कंपनी के विभिन्न स्तर के १२ विभिन्न कार्य करनेवालें लोग अंतर्भूत है।
रॉस कहती है की उसके ज्यादातर कर्मचारी कंपनी की नीती, उसकी रूप रेखा, तथा उसे क्या बनना है यह बता पाएँगे।"अभी जब हम बेयर है तो यह थोडा कठीन बन गया है",रॉस ने कहा। बेयर डायग्नोस्टिक्स के लोग एक बहुत बडी कंपनी से आए थे और बेयर में वह पहले से कुछ हद तक सीधा व्यवसाय करते थे।चिरॉन,आशिया में जिस तरह से व्यवसाय करता था लगभग वही सूत्र हम नें बेयर के बारे में अपनाया। अभी बेयर के लोगों के लिए अल्पावधी में यह समझना कष्ट का काम था की तृतीय पक्ष का सहयोग लेने से कोई नुकसान नही होता। बल्कि, जभी हमने वित्तिय दृष्टी से कठीन समझे जाने वाले समय से गुजरना शुरु किया, वे अभी देख रहे है कि हमारी लाभदायिकता बढ रही है, तथा हमारी वार्षिक आय भी ५ या १० प्रतिशत बढ गयी है।सामान्यत: हम जो चाहते है २० या २५ प्रतिशत यह उतनी नही है, मगर इस परिस्थिती में ठीक है। लेकीन,लाभदायिकता ३० और ४० प्रतिशत बढ रही है। और मुझे विश्वास है कि जब वे यह देखेंगे, वे भी समझ जाएँगे की उनकी नौकरी सुरक्षित है क्यूं की प्रत्यक्ष देखना ही विश्वास देता है। अभी वे सामने आकर कह रहे हैं ,'इस धोरणात्मक दिशा तथा रूपरेखा में कुछ अर्थ है।और सिर्फ इतना कहना काफी नही है कि, 'मैं बेयर हूँ या मैं बडा मल्टीनॅशनल हूँ तो मैं बाज़ार में सिर्फ पैसा फेकूंगा, जिसकी अपेक्षा होती है, और प्रतिफल ना दूँ फिर भी किसीको कोई शिकायत नही होगी।
तो फिर कंपनी की नीती ने उसे इतना बदलाव स्वीकारने में कैसे मदद की? रॉस कहती है, "स्पष्ट नीती रखने का हमारा अनुभव है- वस्तुतः हमने ३ या ४ बार उसे सुधारा है – कि जब भी हम किसी (बदलाव) की स्थिती पर आ कर खडे होते हैं, तभी, हम आज कौन है और यह हमारी रूप रेखा है, इस दृष्टी से उसकी तरफ देखते हैं"। रॉस का कहना है कि काफी लचीलापन होता है जब भी आपकी रूपरेखा बदल जाती है, सच कहे तो आप अपने नीती का मूल्य बढाते हैं।"रॉस ने कहा, "बेयर डायग्नोस्टिक्स के मामले में , एक बडी डायग्नोस्टीक कंपनी बनने के बाद, आप देख सकते है कि, बदलाव आप की नीती में कौनसा मूल्य लाएगा। ऐसा नही है कि आप उसे ले और फेंक दे, लेकीन आप कहीये, 'यह रूपरेखा है और यह मौल्यवान कदम है। ऐसी विशिष्ट परिस्थिती में यह किया गया'। अभी जब किसी भी कारण से परिस्थिती में कोई बदलाव आते हम देखते हैं, यह बदलाव कौन से अतिरिक्त मूल्य लेकर आएंगे, जिस से ना ही केवल हमने ्प्राप्त किया धोरणात्मक स्थान मजबूत होगा बल्कि वह बढने का अवसर भी हमें मिलेगा?"
बेयर का चिरॉन के साथ विलय होने के बाद, जब आशिया की दो मिलती- जुलती कंपनीओं का सामना हुआ, वह रॉस की कंपनी थी जो अंत में अस्तित्व में रही और इसका श्रेय वह अपनी कंपनी की नीती को देती है। रॉस कहती है, "हमारा विलय कैसे होगा इसका विश्लेषण करने हेतू हुई शुरुआती बैंठकों में मुझे लगता है की हमें ज्यादा फायदा हुआ क्यूं की हमारे पास हमें कहा पर पहुँचना है इसके बारे में धोरणात्मक योजना और दृष्टी थी"।
बेयर ने चिरॉन के किये अधिग्रहण से उसकी कंपनी के व्यवसाय करने के तरीके पर कोई भी असर नही पडा।रॉस कहती है, "हमारा ध्येय, आकार तथा बाज़ार का हिस्सा इस रूप में और लाभदायिकता, कितनी जल्दी हम वहाँ तक पहुँच सकते हैं, इस रूप में बदल गयी। हम एक synergistic कंपनी शामिल कर रहे थे, इस लिए इस सरल अधिग्रहण से अपने आप हमारा बाज़ार का हिस्सा बढ गया।इससे हमें बाज़ार का हिस्सा तथा लाभदायिकता बढाने का अवसर मिला। कई महत्वपूर्ण ग्राहक केंद्रित गतिविधियाँ जो हम बढाना चाहते थे लेकीन उनमें तुरंत निवेश करना हमें संभव नही था, वह भी हम विलय की वजह से बढा सके।दोनों ने मिलकर हमें अच्छा महत्वपूर्ण चेहरा दिया जिसने इस पूरे अधिग्रहण को ना सिर्फ बचत का प्रयोग बनाया बल्कि कई महत्वपूर्ण ग्राहक सहयोगी निवेश जो हमे करने थे, वह करने का भी अवसर दिया"।
रॉस कहती है अंतिम परिणाम यह है कि हमारी कंपनी अभी बहुत ज्यादा ग्राहक केंद्रित हो गई है। महत्वपूर्ण बाज़ार क्षेत्रों में उसे बहुत ज्यादा स्थिरता हासिल है, वह बहुत अच्छे स्थान पर है और बहुत ज्यादा लाभदायी भी। "यह हमें भविष्य के निवेश बढाने में मद्द करता है तथा हमारे भागधारकों को भी अच्छा लाभ दे सकते है, जो भी महत्वपूर्ण है"।
संतुष्ट रॉस कहती है: "बेयर चिरॉन के साथ विलीन करने का फल मीठा था क्यों की हमारी नीती पर स्थिती सही थी। मुझे लगता है वह एक सब से बडी चुनौती थी जहाँ हमारी विलीन होने वाली कंपनी के नातें एक परीक्षा थी।
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